इसके पादप लंबे होते हैं, 40 दिनों में इसमें 50% पुष्पण होता है और इसकी फलियां तुड़ाई के लिए 55 दिन में तैयार हो जाती हैं। इसकी फलियां ठीक उसी तरह दिखाई देती हैं जैसे कि अर्का जय और कोंकण भूषण की होती हैं। उपज-क्षमता 19-20 टन प्रति हैक्टेयर।