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राष्ट्रीय बागवानी मेला – 2020 : एक रिपोर्ट

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राष्ट्रीय बागवानी मेला – 2020 : एक रिपोर्ट

 

  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली का एक प्रमुख संस्थान, भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, हेसरघट्टा, बेंगलूरु, ने 2020 फरवरी 5 से 8 तक चार दिवसीय राष्ट्रीय बागवानी मेला आयोजित किय। इस मेले का मुख्य विषय था ‘’बागवानी : कृषि को उद्यम बनाती हुई’’

 

  • इस मेले का आयोजन बागवानी प्रोन्नति संघ, बेंगलूरु; बागवानी विभाग, कर्नाटक सरकार और कर्नाटक राज्य कृषि विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया था, जिसका उद्घाटन डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों, उद्यमियों, परिषद के संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, विकास विभागों के अधिकारियों, निजी उद्योगों के प्रतिनिधियों और मीडिया कर्मियों की उपस्थिति में किया था।

 

  • इस मेले में बड़ी संख्या में किसान पधारे, जो संस्थान द्वारा विकसित फलों, सब्जियों, फूलों और औषधीय फसलों की उन्नत/रोग व कीट प्रतिरोधी किस्मों के प्रक्षेत्र प्रदर्शन के प्रति काफ़ी आकर्षित हुए। 

 

  • प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त टमाटर की जातियाँ, अर्का अपेक्षा एवं अर्का विशेष; गेरुए के प्रतिरोधी बेलवाली फ्रेंचबीन की किस्म, अर्का सुकोमल; गोंददार तना अंगमारी प्रतिरोधी लौकी का संकर, आईआईएचआरबीजीएच-10 तथा नीम के बीजों की गुटिकाओं से पत्तागोभी में  ट्यूटा एब्सोल्यूटा, हीरक पृष्ठ शलभ एव ऐफिड का प्रबंधन और मिर्ची में समेकित रोग-प्रबंधन आदि मेले में प्रदर्शित कुछ नई तकनीकियाँ थीं।

 

  • आम-आधारित समेकित कृषि प्रणाली, मिश्रित कृषि प्रणाली, मिर्ची एवं टमाटर में कलम-बाँधने की तकनीकी और सब्जियों की जैविक एवं मिट्टी-रहित खेती इस मेले की विशेषताएँ थीं, जिनसे बहुत-से किसान आकर्षित हुए।

 

  • उच्च मूल्य की सब्जियों और शोभाकारी फसलों की पॉली हाउस में खेती से भी कई किसान आकर्षित हुए।

 

  • बागवाना बढावा संघ, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु द्वारा रोज़ छत पर बागवानी विषय पर आयोजित कार्यशाला के माध्यम से इस मेले में परि-नगरीय बागवानी पर विशेष ज़ोर दिया गया था।

 

  • इस मेले के दौरान दो सौर ऊर्जा से चलने वाली तिपहिया साइकिलों का उद्घाटन किया गया। इनमें से एक सब्जियों की सस्योत्तर नुकसान को कम करने के लिए और दूसरा ताज़े खुम्ब की तुड़ाई के लिए था। इनपर भी कई किसान और अन्य आंगंतुक आकर्षित हुए।

 

  • संस्थान द्वारा विकसित सब्जियों और पुष्प फसलों की किस्मों के ऑनलाइन विक्रय के लिए विकसित ‘आईसीएआर-आईआईएचआर सीड पोर्टल’ नामक एक वेब एप्लिकेशन का इस मेले के दौरान शुभारंभ किया गया।

 

  • संस्थान द्वारा विकसित किस्मों और तकनीकियों, सफल गाथाओं और बीजों एवं रोपण सामग्रियों कई उपलब्धता की जानकारी देने के लिए अंग्रेज़ी, हिंदी और कन्नड़ में तैयार किए गए ‘अर्का बागवानी’ नामक त्रिभाषी मोबाइल एप्प को भी इस मेले के दौरान विमोचित किया गया।

 

  • इस अवसर पर किसानों और अन्य हितधारियों के लिए भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं पर एक तकनीकी बुलेटिन का विमोचन भी किया गया।

 

  • संस्थान के वैज्ञानिकों ने चर्चाओं के माध्यम से बागवानी से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए किसानों की मदद की और उन्हें उत्पादन तकनीकियों, पौध-संरक्षण उपायों, खुम्बोत्पादन तकनीकियों और बागवानी उत्पादन के मूल्य-संवर्धन की विधियों की जानकारी दी।

 

  • इस मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कई संस्थानों, विकास विभागों, सरकारी एवं निजी संगठनों और उत्पाद-सामग्री निर्माण उद्योगों ने भाग लिया। इस मेले में 268 स्टालों की व्यवस्था की गई थी। इस मेले की प्रदर्शिनी ने सेवा प्रदाताओं को बागवानी फसलों की विभिन्न उत्पादक-सामग्रियोंके प्रदर्शन के लिए मंच प्रदान किया।

 

  • भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान की तकनीकियों के प्रदर्शन, बीजों, रोपण सामग्रियों और अन्य उत्पादों के विक्रय के लिए विशेष रूप से एक स्टाल की व्यवस्था की गई थी और चार दिनों के इस कार्यक्रम के दौरान 10 लाख के उत्पाद बिक गए।

 

  • देशी सामग्रियों का इस्तेमाल करते हुए बनाए गए प्रक्षेत्र तालाब के माध्यम से जल-संग्रहण की अवधारणा और इसके पानी का उपयोग मछली पालन एवं बागवानी फसलों की सिंचाई के लिए किए जाने की विधि से कई किसान आकृष्ट हुए।

 

  • कृषक समुदाय के अलावा विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों से बड़ी संख्या में छात्रों ने भी इस मेले में भाग लिया और संस्थान की तकनीकियों के बारे में जानने के लिए बड़ी रुचि दिखाई।

 

  • इस मेले के दौरान कर्नाटक, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, मिज़ोराम और ओडिशा के आठ किसानों को बागवानी के क्षेत्र में किए गए योगदान और संस्थान की किस्मों व तकनीकियों के प्रचार-प्रसार के लिए सम्मानित किया गया।

 

  • मेले के दौरान सर्वश्रेष्ठ स्टाल का पुरस्कार डॉ. डब्ल्यु.एस. ढिल्लन, सहायक महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने दिया।

 

  • श्री एस.आर. विश्वनाथ, विधायक, येलहंका विधान सभा क्षेत्र ने मेले के समापन समारोह में भाग लिया और किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं की सराहना की।

 

  • चारों दिन किसानों को भोजन नि:शुल्क दिया गया।

 

  • राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 बहुत ही सफल रहा, जिसमें 26 राज्यों से 70,000 से अधिक किसानों और अन्य हितधारियों भाग लिया और लाभान्वित हुए।

 

  • राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 में पधारे किसानों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के विश्लेषण से पता चला कि तकनीकियों का प्रदर्शन बागवानी में पौधशाला प्रबंधन, जैविककीटनाशक और मूल्य-संवर्धित उत्पाद से संबंधित उद्यम प्रारंभ करने के लिए किसानों को प्रेरित करने और उन्हें जागरूक करने में बहुत ही सफल था।

 

  • इस मेले में प्रदर्शित उत्पादों और तकनीकियों से किसान बहुत ही खुश थे।

 

  • इस मेले ने बागवानी से संबंधित सभी हितधारियों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकियों को देखने और इनसे सीखने का एक अवसर प्रदान किया।