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भुबनेश्वर द्वारा “फलीदार सब्जियों का वैज्ञानिक बीजोत्पादन” पर प्रशिक्षण व प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित

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केंद्रीय बागवानी परीक्षण केंद्र (भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं.), भुबनेश्वर द्वारा “फलीदार सब्जियों का वैज्ञानिक बीजोत्पादन” पर प्रशिक्षण व प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित

      केंद्रीय बागवानी परीक्षण केंद्र (भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं.), भुबनेश्वर द्वारा पूर्वी तटवर्ती क्षेत्र में सेम फली और फ्रेंचबीन के व्यावसायिक बीजोत्पादन के प्रदर्शन के लिए एमआईडीएच सीड्स परियोजना के तहत ओडिशा के बलियांटा और बलीपटना ब्लॉकों में “फलीदार सब्जियों का वैज्ञानिक बीजोत्पादन” पर 04 जनवरी 2020 को एक परिसर बाह्य प्रशिक्षण व प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में ओडिशा के कांधमाल, कटक और खोर्धा जिलों के डारिंगबाडी, बलिपटना और बलियांटा ब्लॉकों के 40 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

      कार्यक्रम का शुभारंभ श्री बामदेव स्वैन के अर्का अमोघ (सेम फली), अर्का अर्जुन (फ्रेंच बीन) किस्मों के खेत तथा श्री सुरेंद्र साहू के अर्का विस्तार (सेम फली) की किस्म के खेत के दौरे के साथ हुआ। इसके बाद अक्तूबर 2019 में बोई गई फसलों में निराई, पृथक्करण दूरी बनाए रखना, रोग/कीट मुक्त फसलें तैयार करना जैसी वैज्ञानिक बीजोत्पादन विधियों का प्रदर्शन किया गया। कांधमाल जिले के किसानों ने बीजोत्पादन खेतों का दौरा किया और व्यावसायिक बीजोत्पादन में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की। उन्हें उस क्षेत्र में अर्का अमोघ, अर्का अर्जुन और अर्का विस्तार की बीजीय फसलों का प्रदर्शन देखने के लिए प्रेरित किया गया। प्रदर्शन और प्रक्षेत्र दौरे के बाद पारस्परिक चर्चा सत्र भी आयोजित किया गया। डॉ. जी.सी. आचार्य, अध्यक्ष एवं सह-प्रधान अन्वेषक, एमआईडीएच-सीड्स परियोजना ने ओडिशा में सब्जियों के व्यावसायिक बीजोत्पादन की आवश्यकता को स्पष्ट किया और ओडिशा के कृषक समुदाय के बड़े फ़ायदे के लिए बीजोत्पादन के कार्य को अपनाने के लिए किसानों के प्रयासों की सराहना की। डॉ. पी. श्रीनिवास, प्रधान वैज्ञानिक एवं परियोजना के प्रधान अन्वेषक ने वैज्ञानिक तकनीकों और पौध-स्वास्थ्य प्रबंधन विधियों के माध्यम से स्वस्थ एवं गुणवत्तायुक्त बीजोत्पादन के महत्व को स्पष्ट किया। डॉ. मीनु कुमारी, वैज्ञानिक एवं सह-प्रधान अन्वेषक ने फलीदार सब्जियों के बीजोत्पादन के तकनीकी विवरणों, जैसे परिपक्वता सूचकांक, सुखाने एवं निस्सारण विधियों पर चर्चा की। अर्का सब्जी सब्जी स्पेशल और अर्का सूक्ष्मजीवीय मिश्रण के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई और किसानों को खड़ी फसल में प्रयोग करने के लिए इन्हें वितरित किया गया। बीजोत्पादन के अतिरिक्त, किसान ताज़े उत्पाद के रूप में भी इन किस्मों के समग्र प्रदर्शन से संतुष्ट हुए। डॉ. मीनु कुमारी, वैज्ञानिक एवं डॉ. पी. श्रीनिवास, प्रधान वैज्ञानिक, के.बा.प.कें., भुबनेश्वर ने कार्यक्रम का समन्वयन किया और डॉ. जी.सी. आचार्य, अध्यक्ष, के.बा.प.कें. ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। जयदेव कृषक सुरख्या मंच, बलीपटना ने स्थानीय सुविधाएँ प्रदान करने और किसानों को जुटाने में सक्रिय सहयोग दिया।