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बीदर में भिण्डी और टमाटर पर कृषि दिवस आयोजित किया गया।

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बीदर में भिण्डी और टमाटर पर कृषि दिवस आयोजित किया गया।

भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलूरु और कृषि विज्ञान केंद्र, बीदर के संयुक्त तत्वावधान में भू-समृद्धि परियोजना के तहत भिण्डी (अर्का निकिता एफ1 संकर) और टमाटर (अर्का अभेद एफ1 संकर) पर गुंजट्टी गाँव, बीदर दिनांक 11.02.2020 को प्रक्षेत्र दिवस आयोजित किया गया। इस कृषि दिवस का मुख्य उद्देश्य भिण्डी के संकर अर्का निकिता और टमाटर के संकर अर्का अभेद के बारे में जागरूकता लाना था। यह कृषि दिवस गंजट्टी गाँव के श्री चेतन डाबके के भिण्डी एवं टमाटर के खेत में आयोजित किया गया था। डॉ. एम. पिच्चैमुत्तु और डॉ. एच.सी. प्रसन्ना, प्रधान वैज्ञानिक, सब्जी फसल विभाग, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. और डॉ. जाधव, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और भिण्डी एवं टमाटर की सफल खेती के लिए अच्छि कृषि पद्धतियों के बारे में किसानों से चर्चा की। चर्चा सत्र के बाद वैज्ञानिकों व किसानों के बीच एक परिचर्चा बैठक भी आयोजित की गई। इस बैठक में डॉ. मल्लिकार्जुन, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, बीदर ने स्वागत भाषण किया। डॉ. आर. सेंदिल कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, समाज विज्ञान एवं प्रशिक्षण विभाग, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं. ने संस्थान की किसानोपयोगी तकनीकियों पर कृषि दिवस के महत्व पर व्याख्यान दिया। श्री चेतन डाबके ने भिण्डी की खेती के उनके अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रति एकड़ से रु. 3.75 लाख की आय प्राप्त हुई। इक्रिसाट के प्रतिनिधि ने बीदर जिले में भू-समृद्धि परियोजना की गतिविधियों की जानकारी दी। डॉ. जाधव, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र ने फसल उत्पादन के लिए मृदा के स्वास्थ्य के महत्व तथा उपज बढ़ाने के लिए अर्का सब्जी स्पेशल के महत्व को स्पष्ट किया। डॉ. एम. पिच्चैमुत्तु एवं डॉ. एच.सी. प्रसन्ना ने भिण्डी और टमाटर की खेती विस्तृत व्याख्यान दिया और किसानों की शंकाओं का समाधान किया। कृषि एवं बागवानी विभाग के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों और 50 प्रगतिशील किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।