Sample Heading

Sample Heading

बागवानी फसल अनुसंधान के लिए सांख्यिकीय मॉडलों का विकास

Primary tabs

Objective: 

 

  • बारहमासी फसलों में फसल जलभराव, इनपुट उपयोग दक्षता बढ़ाने और कैनोपी आर्किटेक्‍चर मॉडलों के लिए सांख्यिकीय मॉडल विकसित करना।
  • अविनाशक प्रतिचयन अभिगम का प्रयोग करते हुए अंजीर में पत्ती क्षेत्र के आकलन के लिए एक त्‍वरित विधि।
  • पपीता और शिमलामिर्च में न्‍यूरल नेटवर्क मॉडल विकसित करना।

 

 इस कार्यक्रम के आरंभ होने की तिथि : 1-6-2009

 

PI: 

डॉ. आर. वेणुगोपालन

CO PI: 

डॉ. वाई. टी. एन. रेड्डी

डॉ. एन. के. कृष्‍ण कुमार 

डॉ. आर. चित्तिरैचेलवन

डॉ. के. श्रीनिवास

Achievements: 

 

बारहमासी फसलों में इनपुट उपयोग दक्षता के अधिकतमीकरण के लिए रिस्‍पोंस सरफेस मॉडल (आरएसएम) : तीन वर्षों के परीक्षण डाटा का प्रयोग करते हुए इवेपोरेशन रिप्‍लेनिशमेंट (ER, %) की इष्‍टतम खुराक का निर्धारण करने, उर्वरक (RDF, %) की खुराक की सिफारिश करने तथा आम/ पैशन फ्रूट/ एसिड लाइम/ अन्‍नाटो की तदनुरूपी इष्‍टतम उपज हासिल करने के लिए एसओआरडी का उपयोग कर आरएसएम निर्मित किए गए।

शिमला मिर्च में जलवायु कारकों के साथ-साथ काष्‍ठकीटों के प्रकोप में अरैखिक संबंध व्‍यक्‍त करने हेतु एएनएन मॉडल : उच्‍च काष्‍ठकीट रेटिंग (3.0 से अधिक) और 1.0 से कम की रेटिंग से संबंधित प्‍लॉट डाटा के लिए शिमलामिर्च में काष्‍ठकीटों के आपतन पर अनेक अलग-अलग मौसम कारकों की भूमिका को बढ़ाने हेतु आर्टिफीशियल न्‍यूरल नेटवर्क मॉडल (एमएलपी) विकसित किए गए।

गैर-विनाशक प्रतिचयन पद्धति का प्रयोग करते हुए अंजीर में पत्‍ती क्षेत्र के आकलन के लिए एक त्‍वरित विधि : सांख्यिकीय मॉडल विकसित करने तथा उसके फलस्‍वरूप अंजीर (किस्‍म दीना एवं पूना) में पत्‍ती क्षेत्र के त्‍वरित आकलन में सहायता प्रदान करने और पत्‍ती प्राचलों में इंट्रेंजिक अरैखिकता अभिगृहीत करने के लिए एएनएन सिद्धांत का उपयोग किया गया।

केला (किस्‍म ग्रेन्ड नैन) में फसल-जलभराव मॉडल: G9 केला फसल के विभिन्‍न विकास चरणों, जिनमें केला (G9) के पूर्वानुमान की 71 से 83.4% की पावर है, में महत्‍वपूर्ण फसल-जलभराव प्राचलों (उनके प्‍वांइट आकलनों सहित) को अभिज्ञात करने के लिए बॉयोमैट्रिकल मॉडल विकसित किए गए।

सब्‍जी फसल सुधार कार्यक्रम में फसल उपज स्थिरता के आकलन के लिए गैर-प्राचलीकृत सूचकांक : खीरे में फसल उपज में स्थिरता के आकलन के लिए एक रैंक आधारित गैर-प्राचलीकृत उपाय का सुझाव देने हेतु विभिन्‍न उपज संबंधी गुणों के आधार पर एक एकीकृत सूचकांक विकसित किया गया, जो कि किस्‍मों के रूप में मोचन के लिए या संकरीकरण परीक्षणों में उपयोग के लिए स्‍थायी वंशक्रमों को अभिज्ञात करने में व्‍यावहारिक रूप से अधिक सार्थक हो सकता है।

पपीता (किस्‍म सूर्या) में कृत्रिम न्‍यूरल नेटवर्क मॉडल : वानस्‍पतिक/ पुष्‍पण-पूर्व / फलन अवस्‍थाओं पर पपीता (सूर्या) फसल की उपज को प्रभावित करने वाले कारकों की पहचान करने हेतु ऐसे कृत्रिम न्‍यूरल नेटवर्क मॉडल विकसित किए गए, जो बॉयोमैट्रिकल गुणों (R2 70 -84%) में अंतरनिहित अरैखिकता को अभिगृहीत करने में सक्षम हैं, जिनसे आरंभिक चरण पर मार्करों के चयन/विकास में सहायता  प्रदान होगी।     

गैर-विनाशक प्रतिचयन विधि का प्रयोग करते हुए अंजीर में पत्ती क्षेत्र आकलन मॉडलों के लिए इष्‍टतम प्रतिदर्श आकार का निर्धारण करने और प्रतिचयन दक्षता का आकलन करने हेतु बूटस्‍ट्रेप विधि : गैर-विनाशक प्रतिचयन विधि का प्रयोग करते हुए अंजीर में पत्‍ती क्षेत्र आकलन के लिए इष्‍टतम प्रतिदर्श आकार का निर्धारण करने हेतु एक बूटस्‍ट्रेप प्रतिचयन विधि का सुझाव दिया गया, जो Fig है।  

आम में छत्र-प्रबंधन मॉडल के पुन: वैधीकरण के लिए विधि : आम में छत्र-प्रबंधन मॉडलों के पुन: वैधीकरण के‍ लिए न्‍यूनतम RMS त्रुटि (5.16 %), जिसमें फसल का पूर्वानुमान करने हेतु अधिकतम घटक संख्‍या है, का सुझाव देने के लिए एक जैकनाइफ विधि का प्रयोग किया गया।