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फल व सब्जी फसलों में संकर भ्रूण-बचाव

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प्रौद्योगिकी का विवरण

पादप प्रजनन में संकरीकरण के दौरान भ्रूण के गर्भपात के कारण प्राय: क्रॉस संकर पादपों में विकसित  नहीं होते हैं। संकर-भ्रूण-संरक्षण जैसी कृत्रिम परिवेशीय प्रजनन तकनीकों का प्रयोग करते हुए उक्‍त संकरों को संरक्षित करना तथा ऐसे संकर विकसित करना संभव हो पाया है, जो कि अन्‍यथा संभव नहीं था। अत:, यह प्रजनक के लिए एक वरदान की भांति है और यह किसी फसल/किस्‍म में वांछित जीनो को समा‍वेशित करने के लिए एक गैर-जीएम जैव प्रौद्योगिकी के रूप में आकर्षक प्रौद्योगिकी है। हमने इस प्रौद्योगिकी को निम्‍नलिखित फसलों में प्रदर्शित किया गया है:    

  • फल फसलें (बीज-रहित अंगूर, बीज-रहित नीबू, आम, पपीता, केला) और सब्‍जी फसलें (शिमला मिर्च, प्‍याज, टमाटर और बैंगन)।

उत्‍पाद और उपोत्‍पाद

  • फसल जीनप्ररूपों के नए संकरण और आनुवंशिक संयोजन संभव हैं, जो कि पारंपरिक प्रजनन में संभव नहीं था।  

प्रौद्योगिकी के लाभ  

  • असंगत/अंतर-जातीय/अंतरवंशिक संकरणों में सफलता; ऐसे संकरणों के लिए भी उपयोगी, जहाँ अपरिपक्‍व फल-झड़न काफी जगह होता है।

  • दाना रहित फसलें, अर्थात थॉमसन बीज-रहित अंगूर का उपयोग किया जा सकता है (मादा जनक के रूप में भी)।

  • आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों का एक व्‍यवहारिक विकल्‍प; कोई समस्‍या महसूस नहीं की जाती है।   

लक्षित क्षेत्र/ अंतिम उपयोगकर्ता की प्रोफाइल

बागवानी फसलों के वाणिज्यिक प्रजनन से जुड़ी निजी कंपनियां।  

  • इस प्रौद्योगिकी को किसी भी फसल में प्रयोग किया जा सकता है और विशिष्‍ट संकर-संयोजनों के लिए इच्‍छुक कंपनियों के साथ संयुक्‍त उद्यम किया जा सकता है।

बाजार-संभावना

  • विशिष्‍ट बाजारों के लिए उपयुक्‍त (क्योंकि ऐसे संकरों को पारंपरिक तौर पर विकसित नहीं किया जा सकता है।

अपेक्षित निवेश

  • बीज कंपनियों के पास वर्तमान अनुसंधान व विकास टिशु कल्‍चर प्रयोगशालाओं में एक सहायक सुविधा के रूप में उपयोग की जा सकती है।

अनुमानित लाभ/मुनाफा

यह प्रौद्योगिकी संकर-फसल विशिष्ट है। उदाहरण के लिए, थॉमसन बीज-रहित अंगूर में मृदु रोमिल रोग फसल को शत-प्रतिशत नुकसान पहुंचा सकता है। भ्रूण-संरक्षण के जरिए विकसित एक प्रतिरोधी संकर पारंपरिक प्रजनन में शून्‍य सफलता के विपरीत 100% सफलता देता है। इसी प्रकार से, बैंगन में जब प्ररोह एवं फल बेधक के लिए प्रतिरोध विकसित करने हेतु सोलेनुम मैक्रोकॉर्पोन का उपयोग किया जाता है, तब पारंपरिक तौर पर हाइब्रिड उत्‍पादित नहीं किए जा सकते हैं, लेकिन, भ्रूण संरक्षण विधि, जो कि एक ज्ञान एवं कौशल-सघन प्रौद्योगिकी है, के जरिए यह भी संभव है। इस प्रकार की पद्धतियां बीटी बैंगन  आदि जैसी जीएम फसलों का एक वैकल्पिक समाधान है।