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दूधी खुम्ब (कैलोसाइबे इंडिका) की खेती

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दूधी खुम्ब (केलोसाइब इंडिका) की खेती

अनुप्रयोग/उपयोग:

पाश्चुरीकृत धान भूसी में घर के अंदर उगाने के लिए उपयुक्‍त।  

अपेक्षित निवेश :

धान भूसी एवं केसिंग तेल। अन्‍य निविष्टियों की आवश्‍यकता खेती की जा रही मशरूम किस्‍म के उत्‍पादन पैमाने और कृषि तकनीक पर निर्भर करेगी।

आउटपुट क्षमता :

1000 क्‍यूबिक फीट वॉल्‍यूम (10x10x10 फीट आकार) में लगभग 100-130 कि. ग्रा. ताजी मशरूम उत्‍पादित की जा सकती है, अर्थात प्रति 1000 क्‍यूबिक फीट क्षेत्रफल में 2.5-3.25 कि.ग्रा. प्रोटीन प्राप्‍त किया जा सकता है। इसकी प्रति वर्ष 6 फसलें उगाई जा सकती हैं। उपरोक्‍त कमरा आकार से ताजे खुम्ब का प्रतिवर्ष उत्‍पादन लगभग 600-780 कि. ग्रा. प्रति वर्ष प्राप्‍त किया जा सकता है।

विशेष लाभ :

अतिरिक्त पोषक तत्‍व, आय, रोजगार-सृजन, जैविक उपचार एवं जैविक खाद उत्‍पादन।

इकाई लागत :

रू. 10-15 प्रति कि. ग्रा. स्‍थान के आधार पर।  

विवरण :

दूधीखुम्ब एक खाद्य खुम्ब है जिसे घरेलू या वाणिज्यिक उपभोग के लिए आसानी से उगाया जा सकता है। यह पहली ऐसी घरेलू किस्‍म है जिसका वाणिज्यिकरण किया गया है। यह पहली ऐसी वास्‍तविक उष्‍णकटिप्रदेश मशरूम किस्‍म है जिसकी खेती 30-40°से. के उष्‍णकटिबंधी प्रदेश तापमान में की जा सकती है। इसमें उच्‍च गुणवत्‍ता के प्रोटीन और विटामिन (विशेष रूप से विटामिन  B) भरपुर मात्रा में होते हैं। इसमें उच्‍च रेशा तत्‍व होने के कारण यह पेट संबंधी रोगों के उपचार के लिए बेहतरीन सामग्री है। इसकी औसत जैविक 60-90% हो सकती है। ऑइस्‍टर या बटन मशरूम की तुलना में इसकी सेल्‍फलाइफ ज्‍यादा अच्‍छी है। इसमें बीजाणु तत्‍व कम होता है और इसलिए इससे रिसपाइरेटरी एलर्जी जैसी समस्‍याएं उत्‍पन्‍न नहीं होती हैं, जैसा कि वर्तमान में उगाई जा रही ऑइस्‍टर मशरूम प्रजातियों में देखा जाता है।  

विकासकर्ता :

डॉ. मीरा पाण्डेय, एवं एस.एस. वीणा

संपर्क व्‍यक्ति :

निदेशक, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्‍थान, हेसरघट्टा लेक पोस्ट, बेंगलुरू-560 089, दूरभाष: 080-28466353; फैक्‍स: 080-28466291; ई-मेल: directoriihr@icar.gov.in (link sends e-mail)

संस्‍थान:

आईआईएचआर, बेंगलुरू