Sample Heading

Sample Heading

टमाटर के कीटों की समेकित प्रबंधन विधियाँ

Primary tabs

निम्‍नलिखित आईपीएम पैकेज फल-बेधक, पत्ती-सुरंगक, कुटकी और रोगजनक को नियंत्रित करेगा।

 

नर्सरी :

  • टमाटर नर्सरी से 15-20 पहले गेंदा (लंबी अफ्रीकी किस्‍म गोल्‍डन ऐज, जिसमें पीले एवं नारंगी पुष्‍प खिलते हैं) उगाएं ।

  • बीज-अंकुरण के एक सप्‍ताह के बाद (इमिडाक्‍लोप्रिड 200 SL @ 0.3 मि. ली. प्रति ली. या थियोमेाथोग्‍जम 25 डब्ल्यु.पी. 0.3 ग्रा. प्रति ली. की दर से) का छिड़काव करें।

 

रोपाई से पहले :

  • भूमि तैयार करने के समय पर 250 कि. ग्रा. प्रति हैक्‍टे. की दर से मेंड़ों में नीम की खली का प्रयोग करें।

  • इमिडाक्‍लोप्रिड 200 एस.एल.0.3 मि. ली. प्रति ली. की दर से या थियोमेथाग्‍जम 25 डब्ल्यु.पी. 0.3 ग्रा. प्रति ली. की दर से 5 मिनटों तक पौधों की जड़ों को डुबोये रखें (पत्तों को नहीं डुबोये क्‍योंकि यह पत्तियों को जला सकता है)।

 

मुख्‍य खेत :

  • 20-25 दिनों की अवस्‍था वाली टमाटर के पौधों और 45-0 दिनों की अवस्‍था वाली गेंदे के पौधों की रोपाई इस प्रकार एक साथ करें कि प्रत्‍येक 16 टमाटर पंक्तियों के बीच एक पंक्ति में गेंदे की रोपाई की जानी चाहिए। तथापि, खेत की पहली तथा आखिरी पंक्ति में गेंदे की ही रोपाई की जानी चाहिए। 

  • पत्ती कुंचन कीटवाहक (सफेद मक्‍खी) को नियंत्रित करने के लिए रोपण के पंद्रह दिनों के बाद इमिडाक्‍लोप्रिड 200 एसएल 0.4 मि. ली. प्रति ली. की दर से या थयोमेथाक्सम 25 डब्ल्यु.पी. 0.3 ग्रा. प्रति ली. की दर से छिड़काव करें।

  • सूत्रकृमि, फल बेधक और पत्ती सुरंगक आपतन को कम करने हेतु 20-25 डीएपी (पुष्‍पण के समय पर) पर मेड़ों में 250 कि. ग्रा. प्रति हैक्‍टे. की दर से मेड़ों में नीम केक का प्रयोग करें।

  • सायंकाल में 28, 35 और 42 डीएपी सनस्‍क्रीन के रूप में 1% गुड़ के साथ एचएएनपीवी(250 एलई/हैक्‍टे.) का छिड़काव करें।

  • एचएएनपीवी के साथ गेंदे के पुष्‍पों पर छिड़काव करें या उनमें से फल-बेधक के लार्वा को नष्‍ट करें।

  • एचएएनपीवी छिड़काव के विकल्‍प के तौर पर, परजीवियों, जैसे कि ट्राइकोग्रेमा किलोनिस, टी. ब्राजिलियेंसिस  एवं टी. प्रेटियोसुम 2.5 लाख प्रति हैक्‍टे. की दर से अंडे छोड़े (कुल मिलाकर 5 बार और प्रत्‍येक बार 50,000 अंडे प्रति हैक्‍टे. छोड़ें)। पुष्‍प आरंभ होने के समय पर ही पहली बार अंडे छोड़ें।  

  • यदि लाल मकडी कुटकी का प्रकोप देखा जाता है तो, 1% की दर से नीम साबून या 1% नीम तेल या कोई भी सिंथेटिक एकैरसनाशी, जैसे कि डाइकोफोल 18.5  ईसी (1.5 मि. ली. प्रति ली.), या इथियॉन 50 ईसी (1.5 मि. ग्रा. प्रति ली.) या सल्‍फर 80 डब्ल्युपी (3 ग्रा. प्रति ली.) आदि का छिड़काव करें। पत्तियों की निचली सतह पर छिड़काव करें।  

  • फल-बेधक के प्रकोप को न्‍यूनतम करने के लिए आवधिक अंतराल पर (फल स्‍थापन के बाद 3-4 बार) फल-बेधक से संक्रमित फलों को यांत्रिक रूप से संग्रहण कर उन्‍हें नष्‍ट कर दें।

  • पत्ती कुंचन और अन्‍य विषाणुओं से प्रभावित पादपों को रोग लक्षण दिखाई देने पर नष्‍ट कर दें ताकि उनके प्रभाव व फैलाव को रोका जा सके।