Sample Heading

Sample Heading

आरकेवीवाई (एस & टी) परियोजना के तहत केंद्रीय बागवानी परीक्षण संस्थान (ICAR-IIHR), भुवनेश्वर द्वारा ....

Primary tabs

आरकेवीवाई (एस & टी) परियोजना के तहत केंद्रीय बागवानी परीक्षण संस्थान (ICAR-IIHR), भुवनेश्वर द्वारा वाणिज्यिक नर्सरी तकनीकों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया

 

 

केंद्रीय बागवानी परीक्षण संस्थान  (आईसीएआर-आईआईएचआर), भुवनेश्वर ने आरकेवीवाई एस & टी परियोजना ("ओडिशा के आकांक्षी जिला, नवरंगपुर के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कृषि आधारित विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप परियोजना")  के तहत ओडिशा के नवरंगपुर जिले में एक हाई-टेक नर्सरी सहित चार वाणिज्यिक नर्सरी विकसित की हैं जिनका उपयोग आईसीएआर-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईआईएचआर) द्वारा विकसित बागवानी फसलों की उच्च उपज गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री और स्थानीय मांग के अनुसार अन्य उन्नत किस्मों के उत्पादन के लिए किया जा रहा है।  इस प्रयास के माध्यम से आदिवासी बहुल नव् रंगपुर जिले का नए बागवानी आधारित उपायों से आर्थिक विकास किया जा पायेगा। इससे पहले भी इन नर्सरी का प्रबंधन करने वाले किसान समूहों के सदस्यों को ऑन-फार्म प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस हस्तक्षेप के तहत इन सभी नर्सरी (माँ महिमा एसएचजी, उमा शंकर किसान उत्पादक समूह, माँ माता मौली एसएचजी) और गोविंदालय, हर्ष ट्रस्ट और अग्रगामी के प्रतिनिधियों के लिए 4 से 8 अक्टूबर 2021 के दौरान, उन्नत नर्सरी तकनीकों से अवगत कराने के लिए, एक उन्नत ऑन-कैंपस 'वाणिज्यिक नर्सरी तकनीकों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण' का आयोजन किया गया।

 

कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. पी.सी. लेंका, पूर्व प्रमुख, फल विज्ञान विभाग, OUAT, भुवनेश्वर ने डॉ. जी.सी. आचार्य, प्रमुख (आई/सी) और स्टेशन के अन्य वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया और अपने विचार रखे।  डॉ. एम.आर. साहू, प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी, टीओटी ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

 

प्रशिक्षण अवधि के दौरान विषय वस्तु विशेषज्ञों ने प्रशिक्षुओं को फल, सब्जी, कंद फसलों, फूल और सजावटी फसलों के प्रसार और नर्सरी प्रबंधन पर महत्वपूर्ण ज्ञान प्रदान किया। प्रशिक्षुओं को मॉडल नर्सरी की कार्यप्रणाली, पौध संरक्षण सूत्र और तरीके, आजीविका मॉडल और व्यावसायिक नर्सरी को लाभकारी रूप से चलाने के लिए व्यावसायिक रणनीतियों के बारे में भी बताया गया। डॉ. जीसी आचार्य, प्रमुख (प्रभारी) एवं स्टेशन के अन्य वैज्ञानिक डॉ. पी. श्रीनिवास, डॉ. कुंदन किशोर, डॉ. मानस रंजन साहू, डॉ. दीपा सामंत, डॉ. सत्य प्रिया सिंह और बाहरी विशेषज्ञ डॉ. पीसी लेंका, पूर्व प्रमुख, फल विज्ञान विभाग, डॉ अरुण कुमार दास, पूर्व प्रमुख, सब्जी विभाग, ओयूएटी, और डॉ एस के पलेइ , एसोसिएट प्रोफेसर, फ्लोरीकल्चर, डॉ. के. लक्ष्मीनारायण, प्रधान वैज्ञानिक, आरसी-सीटीसीआरआई ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रासंगिक व्याख्यान दिए।

 

तकनीकी कर्मचारी श्री सिंगरे मांझी, श्री मनोज पटनायक, श्री पी.सी. मांझी, श्री . दास, और श्री बी.सी. पात्रा और कुशल सहायक कर्मचारी श्री. बी. पैकरे, श्री एच. बिंधानी और श्री . बुलुघयान ने प्रतिभागियों को नर्सरी क्रियाकलापों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। आम, अमरूद, अनानास, कटहल, कुंदरू, मीठा करेला, गेंदा, कंद, आदि की रोपण सामग्री के प्रचार के लिए आवश्यक कौशल हासिल करने पर जोर दिया गया। प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करने के लिए नित्य व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए जिसमें फल और सब्जियों की फसलों की ग्राफ्टिंग, फलों की फसलों में गूटी बांधने, जड़ और तना काटना, मृदा मीडिया की तैयारी आदि जैसी गतिविधियो को शामिल किया गया। प्रशिक्षुओं को व्यावसायिक नर्सरी गतिविधिया सीखने के लिए संरक्षित खेती उत्कृष्टता केंद्र, डेरास, और भुवनेश्वर के अन्य निजी नर्सरीयो का दौरा भी आयोजित किया गया।   

 

डॉ. एस.के. मिश्रा, सलाहकार, आरकेवीवाई एस & टी परियोजना, सीएसआईआर-आईएमएमटी, भुवनेश्वर ने मुख्य अतिथि के रूप में समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि वे प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीखी गई सभी तकनीकों का अभ्यास करने के लिए कड़ी मेहनत करें और व्यावसायिक नर्सरी विकसित करने के अपने प्रयास में सफल होने के लिए नई तकनीकों को सीखने के लिए उत्सुकता पैदा करें। डॉ. जी.सी. आचार्य, प्रमुख (आई/सी) और स्टेशन के सभी वैज्ञानिकों ने भी प्रशिक्षुओं को अपने महत्वपूर्ण इनपुट दिए। मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षुओं को भागीदारी प्रमाण पत्र और पुस्तकों का एक सेट प्रदान किया। कार्यक्रम का समापन प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी. श्रीनिवास के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

 

प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय आरकेवीवाई एस & टी परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. पी. श्रीनिवास और डॉ. जी.सी. आचार्य, प्रमुख (प्रभारी) सह-प्रमुख अन्वेषक द्वारा किया गया।