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अर्का प्रसन, तुरई की किस्म का कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के किसानों के खेत में निष्पादन

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अर्का प्रसन – किसानों के खेत में निष्पादन

अर्का प्रसन, जो तुरई की एक उच्च उपजवाली किस्म है, जिसकी खेती कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा 35-40 किसानों द्वारा की जाती है, जिसका क्षेत्रफल 80-90 एकड़ है। उच्च उपज और गुणवत्तायुक्त फल होने के गुण के कारण यह पसंदीदा किस्म है। पहली तुड़ाई में किसानों को 0.5-1.0 टन/एकड़ की उपज प्राप्त होती है तथा अनुवर्ती तुड़ाई में 1.0-1.5 टन/एकड़ की उपज ली जा सकती है। कुल 15-20 बार तुड़ाई की जाती है और औसत फल-उपज 15-18 टन/एकड़ होती है। इसके अतिरिक्त, किसानों को खुशी इस बात की है इस किस्म के फल लंबे, सीधे, हरे कच्चे होते हैं, जो उपर्युक्त राज्यों के बाज़ारों में पसंद किए जा रहे हैं।

आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले के गार्लाडिन्ने में अर्का प्रसन का निष्पादन

 

आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले के गार्लाडिन्ने के श्री राघवेंद्र रेड्डी जुलाई, 2018 से तुरई की किस्म अर्का प्रसन की खेती चार एकड़ में कर रहे हैं। वे नियमित रूप से तुरई की खेती कर रहे हैं और अंतत: उनको महसूस हुआ कि निजी कंपनियों की प्रजातियों का निष्पादन अच्छा नहीं है और वे इंटरनेट में अच्छी किस्म की खोज करने लगे। तब उन्हें भा.कृ.अनु.प.-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान की तुरई किस्म, अर्का प्रसन, की जानकारी मिली। उन्होंने हमसे बीज खरीदे। वे इसकी अगेती परिपक्वता (35वें दिन में पहली तुड़ाई), वृद्धि और उपज-दक्षता से बहुत ही प्रसन्न हुए। शुरू-शुरू में पहली तुड़ाई (बुआई के 35 दिन बाद) में उन्हें 1.0 -1.5 टन की उपज मिली और इसके बाद उन्हें 4 एकड़ से 3.5 - 4 टन/तुड़ाई की उपज मिली। उन्होंने कहा कि फल आकर्षक, लंबे, सीधे, कच्चे हरे हैं और इसको बाज़ार में बहुत ज्यादा पसंद किया जा रहा है। उन्हें हैदराबाद और अनंतपुर के बाज़ारों से प्रति किलो के लिए 15-22 रुपए प्राप्त हुए। अब तक उन्होंने 15 बार तुड़ाई की तथा अपेक्षा की जाती है कि 15 तुड़ाई और की जा सकती है, जिससे 20-22 टन/एकड़ की उपज की उम्मीद है, जिससे रु. 3.0 लाख की आय प्राप्त हो सकती है। प्रति एकड़ के लिए उनका खर्च रु. 40,000 था और उनकी शुद्ध आय तीन महीने में 2.6 लाख/एकड़ है।  उत्कृष्ट निष्पादन को देखते हुए आगामी मौसम में वे अर्का प्रसन की खेती 8 एकड़ में करने के बारे में सोच रहे हैं।

आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले के गार्लाडिन्ने के श्री राघवेंद्र रेड्डी के खेत में तुरई की किस्म अर्का प्रसन का निष्पादन

कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले के हिरियूर तहसील के कुनिकेरे में तुरई की किस्म अर्का प्रसन का निष्पादन

श्री वासुदेव राव अनार की खेती के लिए जैव उर्वरक लेने हेतु हमेशा संस्थान आते हैं। एक बारउन्हें तुरई की अर्का प्रसन किस्म के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने मई 2018 में एक एकड़ में इसकी खेती शुरू की। वे फल की गुणवत्ता और उपज से बहुत प्रसन्न हुए और 45 दिनों में ही उन्हें पहली फसल प्राप्त हुई। उन्हें 12-14 बार की तुड़ाई से लगभग 12-15 टन/एकड़ की उपज प्राप्त हुई। उन्होंने ताज़े फलों को रु. 20-35 प्रति कि.ग्रा. की दर से हिरियूर और दावणगेरे बाज़ारों में बेचा, जिससे उन्हें कुल रु. 2.5 लाख की आय प्राप्त हुई। उनका खर्च रु. 40,000/एकड़ था और 3 महीने में रु. 2.1 लाख/एकड़ की शुद्ध आय मिली।

कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले के हिरियूर तहसील के कुनिकेरे के श्री वासुदेव राव के खेत में अर्का प्रसन का निष्पादन

 

कर्नाटक के बेंगलूरु दक्षिण जिले के अनेकल तहसील के सरजापुरा के बी. होसहल्ली में तुरई की अर्का प्रसन किस्म का निष्पादन

कर्नाटक के बेंगलूरु दक्षिण जिले के अनेकल तहसील के सरजापुरा के बी. होसहल्ली के श्री नवीन कुमार निजी कंपनियों के तुरई की संकर किस्मों की खेती करता था और अंतत: उन्होंने कहा कि उन किस्मों का निष्पादन अच्छा नहीं रहा। इसलिए उन्होंने इंटरनेट में नई किस्मों की खोज की और उन्हें आईआईएचआर की किस्म, अर्का प्रसन, की जानकारी मिली। उन्होंने जुलाई, 2018 के दौरान एक एकड़ में इसकी खेती शुरू की। उन्होंने व्यक्त किया कि निजी कंपनियों की किस्मों की 80% की तुलना में अर्का प्रसन का अंकुरण 98% था। वे इसकी वृद्धि, अगेती प्रकृति (बुआई के 40 दिन बाद पहली तुड़ाई), प्रचुर मात्रा पुष्पन और फलन से बहुत खुश है। उन्होंने कहा कि अर्का प्रसन के फल लंबे, सीधे, हरे एवं अच्छी गुणवत्ता के हैं और इसे मंगलूरु और केरल के बाज़ारों में बहुत पसंद किया जा रहा है। यद्यपि हम इस किस्म की किसी भी विषाणु से प्रतिरोध-क्षमता का वादा नहीं करते, फिर भी उन्होंने कहा कि यह पत्ती मोड़क विषाणु के प्रति सहनशील है। उनको प्रति सप्ताह 1.5-2.0 टन फल प्राप्त हुए और वे कुल 18-20 टन/एकड़ की उपज की उम्मीद रखते हैं। वे फलों को रु. 10-15/कि.ग्रा. के हिसाब से बेचते हैं और इससे रु. 2 लाख की आय की अपेक्षा रखते हैं। तीन महीने में रु. 35,000/एकड़ की खर्च में उनकी शुद्ध आय रु. 1.65 लाख/एकड़ होगी।

कर्नाटक के बेंगलूरु दक्षिण जिले के अनेकल तहसील के सरजापुरा के बी. होसहल्ली में तुरई की अर्का प्रसन किस्म का निष्पादन